इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों में समाज सेवा की भावना जाग्रत करने के उद्देश्य से मिथिला विश्वविद्यालय ने सन् 1974 ई. में राष्ट्रीय सेवा योजना की एक इकाई का आवंटन इस महाविद्यालय में किया।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों में राष्ट्रीय तथा सामाजिक चेतना एवं सेवा भावना को जागृत करना तथा गाँव एवं शहरों के कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति को छात्रों के माध्यम से सुधार कर ग्राम्य पुर्ननिर्माण की दिशा में कारगर कदम उठाना। गरीबी, अशिक्षा एवं रूढ़िवादिता से त्रस्त वर्तमान भारतीय सामाजिक व्यवस्था को छात्र-छात्राओं के सहयोग एवं योगदान से मुक्त करने का प्रयास इस योजना के माध्यम से किया जा रहा है।

सम्प्रति डॉ सुभाष चन्द्र राम एवं डॉ प्रमोद कुमार के नेतृत्व में इस महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कार्यरत है जिसमें नामांकित छात्रों को एक सत्र में 120 घण्टे समाज सेवा के विभिन्न कार्य करने पड़ते हैं।

साधारण कार्यक्रम के अन्तर्गत शहर एवं पडोसी ग्राम्य क्षेत्रों में विधार्थियों के द्वारा स्वास्थ्य, वयस्क शिक्षा, नागरिक सुरक्षा, सफाई, चिकित्सालय अहाते की सफाई, वृक्षारोपण आदि अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पादित होते हैं। आदर्श ग्राम निर्माण की दिशा में भी वहाँ की इकाई प्रयत्नशील है जिसमें किसी चुने गए गाँव में स्वास्थ्य निरक्षरता निवारण, सड़क निर्माण तथा मरम्मत, वृक्षारोपण, कृषि विषयक नवीन जानकारी से गाँव के लोगों को अवगत कराना, भूमि सुधार में सहयोग देना तथा ग्रामीण कुप्रथाओं को समूल नष्ट करना आदि कार्यक्रमों को व्यावहारिक रूप से सफल बनाने के लिए कृतसंकल्प। इस इकाई का मुख्य कार्यक्रम निम्नांकित है-

  • (क) भूमि सुधार
  • (ख) सामान्य शिक्षा एवं मनोविनोद
  • (ग) स्वच्छ वातावरण का निर्माण
  • (घ) वृक्षारोपण
  • (ङ) आर्थिक विकास
  • (च) परिवार एवं शिशु कल्याण