• महाविद्यालय में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी को परीक्षाफल प्रकाशित होने के तीन सप्ताह के अन्दर अथवा यथानिर्दिष्ट अवधि के भीतर विहित आवेदन प्रपत्र भरकर निम्नांकित कागजातों के साथ कार्यालय में समर्पित करना चाहिए।
    • (क) विद्यालय/महाविद्यालय परित्याग प्रमाण-पत्र (अभिप्रमाणित प्रतिलिपि)
    • (ख) विगत परीक्षा का प्रवेश पत्र (अभिप्रमाणित प्रतिलिपि)
    • (ग) विगत परीक्षा का अंक पत्र (अभिप्रमाणित प्रतिलिपि)
    • (घ) एक पासपोर्ट साइज फोटो
  • नामांकन के लिए चुने जाने पर निर्धारित तिथि को उपर्युक्त कागजातों की मूलप्रति तथा पासपोर्ट आकार के दो फोटो जमा करनाअनिवार्य है। नामांकन हो जाने पर विद्यालय/महाविद्यालय परित्याग प्रमाण-पत्र की मूलप्रति वापस नहीं की जायेगी।
  • नामांकन के लिए निर्धारित शुल्क एक मुश्त ही नामांकन के समय जमा करना होगा। इसमें किसी प्रकार की रियायत सम्भव नहीं है।
  • नामांकन होने के बाद से ही प्रत्येक छात्र को अपना परिचय-पत्र (Identity Card) सदा अपने पास रखना आवश्यक है। उसी के आधार पर उन्हें छात्रों को मिलने वाली सुविधाएँ प्राप्त हो सकेगी।
  • अन्य बोर्ड/विश्वविद्यालय से आने वाले छात्रों को प्रवेश से पूर्व सम्बद्ध बोर्ड/ विश्वविद्यालय से निर्गत मूल प्रवजन प्रमाण-पत्र (Migration Certificate) प्रवेश पाने के समय प्रस्तुत करना पड़ेगा।
  • महाविद्यालय में प्रवेश पाने की स्थिति में प्रत्येक छात्र को निम्नलिखित शपथ ग्रहण करना पड़ेगा:-

"मैं ललित नारायण मिश्र स्मारक महाविद्यालय, वीरपुर, (सुपौल) में सदाचरण एवं अनुशासन पूर्वक रहते हुए अध्ययन करने तथा अपने चरित्र एवं जीवन को आदर्श बनाने का व्रत लेता लेती हूँ। साथ ही में इस बात की भी शपथ लेता लेती हूँ कि महाविद्यालय के शिक्षण, परीक्षण एवं प्रशासन सम्बन्धी समस्त नियमों का सदैव और सर्वत्र निष्ठापूर्वक पालन करूंगा/करूंगी। 75% वर्गोपस्थिति पूरा/पूरी नहीं करने पर मैं परीक्षा प्रपत्र भरने का दावा नहीं करूँगा करूँगी। इस प्रतिज्ञा की अवहेलना होने पर प्रधानाचार्य मेरे विरूद्ध यथोचित अनुशासनिक कार्रवाई करने हेतु एवं महाविद्यालय से निष्कासन हेतु सक्षम होंगे।"

इसी प्रकार प्रत्येक छात्र के अभिभावक को भी निम्नांकित घोषणा पर हस्ताक्षर करना होगा:-

"मैं विश्वास दिलाता हूँ कि महाविद्यालय में अपने प्रतिपाल्य (वार्ड) के निर्वाह के लिए मेरे पास समुचित साधन है। मैं महाविद्यालय में उसके सद्व्यवहार, सदाचरण एवं वर्ग में नियमित रूप से उपस्थित होने का दायित्व भी अपने उपर लेता हूँ। यह भार भी मैं लेता हूँ कि वह महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के आदेशों एवं नियमों का पूर्ण पालन करेगा। मेरे प्रतिपाल्य द्वारा उपर्युक्त प्रतिज्ञा की अवहेलना होने की स्थिति में महाविद्यालय प्रशासन को छात्र के विरूद्ध समुचित अनुशासनिक कार्रवाई के विरोध करने का अधिकार मुझे नहीं रहेगा।"