• महाविद्यालय पुस्तकालय का उपयोग इस महाविद्यालय के छात्र तथा उनके शिक्षक ही कर सकते हैं।
  • रविवार तथा अवकाश के दिनों को छोड़कर अन्य दिन पुस्तकालय 10 बजे पूर्वाह्न से 5 बजे अपराह्न तक खुला रहता है।
  • पुस्तक लेने और लौटाने के लिए छात्रों को पहचान कार्ड साथ लाना चाहिए। कार्ड पर पुस्तकें दर्ज रहेगी। उनका दायित्व उन्हीं पर रहेगा।
  • पुस्तकों को बाहर ले जाने से पूर्व उन्हें निर्गमन-पत्रिका में अंकित करना आवश्यक है। पुस्तक लेने वाले छात्र, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी को पत्रिका में निर्दिष्ट स्थान पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है। पुस्तक लौटाते समय यह देख लिया जाय कि पुस्तकालय अधिकारी लौटाने वाले स्थान पर हस्ताक्षर करते हैं।
  • पुस्तकालय से ली गई पुस्तकें पुस्तकालयाध्यक्ष को ही लौटायी जानी चाहिए। किसी भी स्थिति में दूसरे व्यक्ति को पुस्तकें हस्तान्तरित नहीं की जा सकती है। छद्म नाम से पुस्तक लेनेवाले विद्यार्थी दण्डित किये जायेंगे और उन्हें पुस्तकालय का उपयोग नहीं करने दिया जायगा।
  • यदि पुस्तक खो जाय या नष्ट हो जाय या उसमें निशान आदि लगाए गए हों तो बदले में नयी पुस्तक जमा करनी होगी। कदाचित बदले की पुस्तक न मिल सके तो प्रधानाचार्य के निर्णय के अनुसार उसका मूल्य ही जमा करना पड़ेगा। यदि वह पुस्तक किसी सेट की और उसकी क्षतिपूर्ति सम्भव नहीं हो तो पूरे सेट का वर्तमान मूल्य एवं अन्य व्यय चुकाना होगा।
  • पुस्तकालय कार्ड खो जाने पर छात्र को उसकी प्रतिलिपि के लिए आवेदन करना होगा।
  • कार्ड पर पुस्तक एक सप्ताह के लिए ही दी जा सकती है। आवश्यकता पड़ने पर पुस्तक लौटाकर पुनः वही पुस्तक दूसरे सप्ताह के लिए दी जा सकती है। निश्चित तिथि पर पुस्तक नहीं लौटाने पर तिथि समाप्ति के बाद प्रति पुस्तक 0.50 पैसे प्रतिदिन की दर से अर्थदण्ड देना होगा।
  • निम्न प्रकार की पुस्तकें सामान्य रूप से छात्रों को नहीं दी जाती है-
    • (क) संदर्भ पुस्तकें
    • (ख) विश्वविद्यालय द्वारा पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकें
    • (ग) अत्यधिक मूल्य वाली एवं दुष्प्राय पुस्तकें।
  • छात्रों को सत्र समाप्त होने पर विश्वविद्यालय परीक्षा प्रपत्र एवं शुल्क जमा करने से पूर्व पुस्तकालय से ली गई पुस्तकें निश्चित रूप से वापस कर देनी चाहिए। जो छात्र इस नियम का पालन नहीं करेंगे उनका परीक्षा शुल्क नहीं जमा किया जायगा।